ऑटोमैटिक सिस्ट्रेन कैसे काम करता है
आटोमैटिक सिस्टर्न (Automatic Cistern) - इस प्रकार की सिस्टर्न इस प्रकार की बनी होती है कि इनमें से पानी धीरे- धीरे अपने आप चलता रहता है। इस सिस्टर्न में इन्लैट पर एक स्टॉप कॉक लगा होता है, जिसमें धीरे-धीरे पानी टैंकी में आता रहता है। इसमें एक फ्लोर वाल्व लगा होता है और जब पानी ओवर फ्लो हो जाता है, तब वाल्व ज्यादा तेज तैरता है और पानी आऊट लैट पाईप से निकलना रहता है और जब टैंकी में पानी आधा रह जाता है तो वाल्व भी नीचे की तरफ धीरे - धीरे आता रहता है और अपनी जगह चल जाता है और जब टैंकों फिर भर जाती है तो वाल्व ऊपर उठकर तैरता रहता है और पानी बाहर निकलता रहता है। इस प्रकार यह क्रिया बार-बार होती रहती है। ऐसी सिस्टर्न अधिकार ऐसे जगह पर लगाई जाती है, जो सार्वजनिक स्थानों पर बने होते हैं। जैसे बस अड्डा, बड़े कार्यालय, रेलवे स्टेशन आदि। इस सिस्टर्न के प्रयोग से पानी अधिक खर्च होता है।
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